SCERT AP Board 7th Class Hindi Solutions पत्र-लेखन Notes, Questions and Answers.
AP State Syllabus 7th Class Hindi पत्र-लेखन
1. तुम्हारी तबीयत ठीक नहीं है। बुखार के कारण तीन दिन की छुट्टी माँगते हुए प्रधानाध्याक के नाम छुट्टी पत्र लिखिए।
उत्तर:
राजमहेंद्रवरम, प्रेषक : सेवा में, महोदय, सादर प्रणाम। निवेदन है कि कल रात से मुझे तेज़ बुखार है। सिरदर्द और बदनदर्द भी हैं। वैद्यजी ने दवाइयाँ देकर तीन दिन आराम लेने की सलाह दी। इसलिए कृपा करके मुझे तीन दिन की छुट्टी दीजिए। धन्यवाद। आपका आज्ञाकारी छात्र, |
2. अपनी पाठशाला में मनाये गये स्वतंत्रता दिवस (अगस्त 15) के बारे में वर्णन करते हुए अपने मित्र के नाम एक पत्र लिखिए।
उत्तर:
विजयवाडा, प्यारे मित्र सुनील, मैं यहाँ कुशल हूँ। आशा करता हूँ कि तुम भी वहाँ सकुशल हो। मैं यह भी आशा करता हूँ कि तुम वहाँ अच्छी तरह पढ़ रहे हो। मेरी पाठशाला में स्वतंत्रता दिवस (अगस्त 15) अच्छी तरह मनायी गया। पाठशाला के छात्रों ने पाठशाला को रंग-बिरंगे कागज़ों से खूब सजाये। सबेरे आठ बजे को एक सभा बनी । हमारे प्रधानाध्यापक जी ने तिरंगे झंडे को फहराये। बाद में भाषण दिये। अन्य अध्यापकों ने भी इस दिवस की विशेषता के बारे में बताये। छात्रों को विविध विषयों पर पुरस्कार भी दिये गये। बाद में मिठाइयाँ बाँटी गयीं। मैं समझता हूँ कि तुम्हारी पाठशाला में भी स्वतंत्रता दिवस अच्छी तरह मनायी गयी होगी। बडों को मेरा नमस्कार। तुम्हारे प्यारे मित्र, पता : |
3. आपके भाई का विवाह होनेवाला है। तीन/चार दिन की छुट्टी माँगते हुए कक्षाद्यापक को पत्र लिखिए।
उत्तर:
काकिनाडा, प्रेषकः सेवा में, पूज्य महोदय, सादर प्रणाम। निवेदन है कि मेरी बडा भाई की शादी अगले हफ़ते में होनेवाली है। घर पर बहुत सा काम है। माता-पिता की सहायता करनी है। इसलिए मैं तीन/चार दिन तक स्कूल नहीं आ सकता। कृपया मुझे तीन/चार दिन की छुट्टी दीजिए। धन्यवाद। आपका आज्ञाकारी छात्र, |
4. अपनी पढाई का वर्णन करते हुए पिताजी के नाम पर एक पत्र लिखिए।
उत्तर:
राजमहेंद्रवरम, पूज्य पिताजी, सादर प्रणाम। मैं यहाँ कुशल हूँ। आपका लिखा पत्र कल ही मिला। सारे विषय मालूम हुए। मेरा … स्वास्थ्य ठीक है। मैं लगन से पढ रहा हूँ। परीक्षाएँ भी अच्छी तरह लिख रहा हूँ। आप निश्चिंत रहिए। आगामी छुट्टियों में मैं अवश्य घर आऊँगा। माताजी को मेरे प्रणाम कहना। बहिन को शुभ आशीशा आपका प्रिय पुत्र, पता: |
5. अपने यहाँ के किसी पर्व का वर्णन करते हुए अपने मित्र को एक पत्र लिखिए।
उत्तर:
गुंटूरु, प्रिय मित्र रवि, तुम्हारा पत्र अभी मिला। पढ़कर खुश हुआ। दशहरे की छुट्टियाँ समाप्त हो गयीं। यहाँ कल दीपावली भी खूब मनायी गयी। दीपावली हिन्दुओं का मुख्य त्योहार है। इसे सभी लोग मनाते हैं। प्राचीन काल में श्रीकृष्ण ने सत्यभामा समेत जाकर दुष्ट नरकासुर का वध किया। तब से उसके उपलक्ष्य में लोग दीपावली खुशी से मनाते आ रहे हैं। उस दिन घर की सफ़ाई की जाती है। अभ्यंग स्नान करते हैं। बन्धु लोग आते हैं। पकवान खाते हैं। बच्चे फुलझडियाँ और पटाखे जलाते हैं। लक्ष्मी की पूजा करते हैं। व्यापारी लोग अपने पुराने हिसाब ठीक करके नये हिसाब शुरू करते हैं। तुम्हारे माँ-बाप को मेरे प्रणाम कहना। तुम्हारा, पता : |
6. आवश्यक किताबें खरीदने धन माँगते हुए पिताजी के नाम एक पत्र लिखिए।
उत्तर:
अमलापुरम, पूज्य पिताजी, मैं यहाँ कुशल हूँ। सोचता हूँ कि आप सब वहाँ सकुशल हैं। मैं अच्छी तरह पढ रहा हूँ। परीक्षाओं के लिए खूब तैयारी कर रहा हूँ। मुझे यहाँ कुछ आवश्यक किताबें खरीदनी हैं। इसलिए ₹ 1500/- एम. ओ द्वारा भेजने की कृपा करें। माताजी को मेरे प्रणाम कहना। आपका आज्ञाकारी पुत्र, पता : |
7. हिन्दी सीखने की ज़रूरत बताते हुए अपने छोटे भाई के नाम पत्र लिखिए।
उत्तर:
अमलापुरम, प्रिय छोटे भाई सुरेश, तुम्हारा पत्र पढ़कर मुझे बडा अचरज हुआ। हिन्दी के प्रति तुम्हारी राय ग़लत है। हिन्दी भाषा हमारी राष्ट्रभाषा है। देश के अधिकांश लोग हिन्दी जानते हैं। अगर हम दक्षिण भारत से उत्तर भारत जाएँगे तो हमें वहाँ हिन्दी में बोलना पडता है। सरकारी नौकरी करनी है तो हिन्दी सीखना अत्यंत आवश्यक है। इसलिए तुम कल से हिन्दी पढ़ना सीख लो। अगली बार पत्र लिखते समय हिन्दी में पत्र लिखना। वहाँ सब लोगों से मेरी पूछताछ कहना। तुम्हारा बडा भाई, पता : |
8. किसी विशेष यात्रा के बारे में अपने अनुभव बताते हुए किसी दोस्त के नाम पत्र लिखिो।
उत्तर:
विजयवाडा, प्रिय मित्र रमेश, तुम्हारा पत्र आज ही मिला। पढकर खुश हुआ। मैं यहाँ सकुशल हूँ। पिछले सप्ताह मैं अपने स्कूल के कुछ छात्रों के साथ तिरुपति गया। वहाँ के देवस्थान की धर्मशाला में हम ठहरे। भगवान बालाजी के दर्शन करके हम आनंद विभोर हो गये हैं। … तिरुपति में हम दो दिन ठहरे। वहाँ हमने कोदंड रामस्वामी का मंदिर, गोविंदराजुलुस्वामी का मंदिर, पापनाशनम्, आकाशगंगा आदि देखें। उसके बाद मंगापुरम जाकर श्री पद्मावती माँ का दर्शन किया। श्री वेंकटेश्वर विश्वविद्यालय देखने भी गये। पश्चात् सीधे घर वापस आये। माताजी और पिताजी को मेरे प्रणाम कहना। तुम्हारा प्रिय मित्र पता: |
9. अपनी पाठशाला में मनाये गये वार्षिकोत्सव का वर्णन करते हुए मित्र के नाम पत्र लिखिए।
उत्तर:
विजयवाडा, प्रिय मित्र, मैं यहाँ कुशल हूँ। आशा है कि वहाँ तुम कुशल हो । मैं अपने स्कूल के वार्षिकोत्सव का वर्णन कर रहा हूँ। दिनांक x x x x को हमारे स्कूल का वार्षिकोत्सव बडे धूम-धाम से मनाया गया । उस दिन स्कूल और सभा मंडप रंग – बिरंगे काग़ज़ से सजाये गये। फाटक पर “सुस्वागतम” टाँगी गयी। शाम के पाँच बजे . सभा आरंभ हुई । बहुत से लोग वार्षिकोत्सव देखने आये। हमारे प्रधानाध्यापक अध्यक्ष बने। शिक्षा मंत्री ने मुख्य अतिथि के रूप में भाषण दिया । विद्यार्थियों से कार्यक्रम संपन्न हुए। विजेताओं को पुरस्कार दिये गये। राष्ट्रीय गीत के साथ सभा समाप्त हुई। तुम्हारे माँ-बाप को मेरे नमस्कार बताओ । पत्र की प्रतीक्षा में। तुम्हारा प्रिय मित्र, पता : |
10. ग्रीष्मावकाश व्यतीत करने के विषय का वर्णन करते हुए अपने मित्र के नाम पत्र लिखिये।
उत्तर:
काकिनाडा, प्रिय मित्र, साइ कुमार, यहाँ मैं सकुशल हूँ। बहुत दिनों से तुम्हारा पत्र मुझे नहीं मिला | इस साल मैं ने ग्रीष्मावकाश बेंगलूरु ‘ में बिताया । उस शहर के मल्लेश्वरम में हमारी माताजी रहती हैं। गरमी के मौसम में बेंगलूरु का वातावरण ठंडा रहता है। वहाँ पेडों की हरियाली आँखों को आराम देती है। बेंगलूरु सचमुच एक सुन्दर नगर है। सुन्दर मकान, साफ़-सुथरी सडकें और सुहाने बाग बगीचे नगर की शोभा बढ़ाते हैं। मैं रोज़ वहाँ के लाल बाग में घूमने जाता हूँ। सिटी मार्केट में अच्छा बाज़ार लगता है। वहाँ पर कई रेशम के कारखाने हैं। पिताजी का पत्र पाकर मुझे वहाँ से आ जाना पड़ा | बेंगलूरु छोडकर आते हुए मुझे चिंता हुई । अपने माता-पिता से मेरे नमस्कार कहो। तुम्हारा मित्र, पता : |
11. तुम्हारे गाँव में सफ़ाई ठीक नहीं हैं । स्वास्थ्य अधिकारी के नाम पत्र लिखिए।
उत्तर:
नंदिगामा, प्रेषक : सेवा में, मान्य महोदय, आपकी सेवा में नम्र निवेदन है कि “कुछ महीनों से हमारे गाँव में सफ़ाई ठीक ढंग से नहीं हो रही है। सड़कों पर कूडा-करकट जमा रहता है। नालों का गंदा पानी सड़कों पर बहता है। उनको साफ़ करने की ठीक व्यवस्था नहीं है। इसलिए मच्छर खूब बढ़ गये हैं। कई लोग मलेरिया के शिकार बन रहे हैं। इसलिए मैं आपसे प्रार्थना करता हूँ कि हर रोज़ सफ़ाई करने की अच्छी व्यवस्था की जाय”। भवदीय, पता: |
12. तुम्हारी साइकिल की चोरी हुई है। दारोगा साहब के नाम पत्र लिखिए।
उत्तर:
तेनाली, प्रेषक : सेवा में, प्रिय महाशय, मेरा निवदेन है कि मैं कल शाम हिमालय होटल के सामने अपनी साइकिल रखकर चाय पीने अंदर गया। उसे ताला लगाना भूल गया। मैं चाय पीकर बाहर आया। लेकिन वहाँ साइकिल नहीं दिखाई पड़ी। मैंने वहाँ के लोगों से सइकिल के बारे में पुछताछ की। लेकिन साइकिल का पता नहीं चला | मेरी साइकिल ‘अम्बर’ की है। उसका रंग काला है। उसका नंबर – 345861 है । वह बिलकुल नयी सी लगती है। उसमें मिल्लर लाईट लगा है। अतः उसका पता लगाकर उसे दिलवाने की कृपा कीजिए। आपका विश्वसनीय, पता : |
13. अपनी पाठशाला का वर्णन करते हुए मित्र के नाम पत्र लिखिए।
उत्तर:
विजयवाडा, प्यारे मित्र कुमार, मैं यहाँ कुशल हूँ। आशा करता हूँ कि तुम भी वहाँ सकुशल हो। मैं कुछ दिनों के पहले ही नये स्कूल में भर्ती हुआ हूँ। मेरे स्कूल का नाम है विज्ञान विहार है स्कूल यह विजयवाडा में स्थित है। इस स्कूल में लगभग 1000 छात्र पढ़ रहे हैं। मेरी पाठशाला बहुत बड़ी है पाठशाला में बड़े – बड़े कमरे कई हैं। मैदान भी बड़ा है। हमारी पाठशाला में तेलुगु, अंग्रेजी और हिन्दी तीनों माध्यम चलाया जाता है। हमारी पाठशाला सुबह नौ बजे से शुरु होकर शाम को पाँच बजे तक चलती है। तुम्हारे माता – पिता को मेरा नमस्कार, तुम्हारे प्यारे मित्र, पता: |
14. अपनी पाठशाला में आयोजित ‘स्वच्छ भारत’ का वर्णन करते हुए मित्र के नाम पत्र लिखिए।
उत्तर:
गुंटूरु प्रिय मित्र, मैं यहाँ कुशल हूँ | आशा है कि तुम भी वहाँ कुशल हो । मैं इस पत्र में हमारी पाठशाला में आयोजित ‘स्वच्छ भारत’ कार्यक्रम का वर्णन कर रहा हूँ। यह कार्यक्रम राष्ट्रीय स्तर का है । पाठशाला का वातावरण, खेल का मैदान, शौचालय, पेयजल क्षेत्र आदि की सफाई हमने की हैं । छात्रों को, शिक्षकों को, अभिभावकों को शामिल करते हुए सप्ताह में 2 घंटे सफाई अभियान चलाया जाता है। तुम भी अपनी पाठशाला में आयोजित सफाई कार्यक्रमों का वर्णन करते हुए पत्र लिखो। तुम्हारे मातापिता को मेरे प्रणाम। तुम्हारा मित्र, पता : |
15. ऐतिहासिक शहर हैदराबाद का वर्णन करते हुए मित्र के नाम पत्र लिखिए।
उत्तर:
विजयवाडा, प्यारे मित्र सुकुमार, मैं यहाँ कुशल हूँ। आशा करता हूँ कि तुम भी वहाँ सकुशल हो। मैं इस पत्र में ऐतिहासिक नगर हैदराबाद के बारे में बताना चाहता हूँ। हैदराबाद तेलंगाणा राज्य का राजधानी है। इसे भाग्यनगर भी कहते हैं। यह एक ऐतिहासिक नगर है। यहाँ चारमीनार, गोलकोंडा, जामा मसजिद, उस्मानिया विश्वविद्यालय, शासन सभा भवन, एन.टी.आर. गार्डेन्स, आदि ऐतिहासिक एवं प्रसिद्ध स्थान, किले, मीनार आदि हैं। इसके अलावा हैदराबाद में बालाजी मंदिर, बेगम पेट विमान केंद्र आदि भी है। यहाँ सैफ़ाबाद हाइटेक सिटी भी है। मैं आशा करता हूँ कि आगामी छुट्टियों में तुम अवश्य ऐतिहासिक नगर हैदराबाद को देखते हो। घर में सभी बड़ों को मेरा नमस्कार। तुम्हारे प्यारे मित्र, पता : |
16. तुम्हारे पिताजी की बदली हुई है। टी.सी., सी.सी., यस.सी. के लिए प्रधानाध्यापक जी को पत्र लिखिए।
उत्तर:
आलमूरु, आदरणीय प्रधानाध्यापक जी, मैं आठवीं कक्षा (बी) का विद्यार्थी हूँ। मेरा नंबर 42 है। मेरे पिताजी की बदली नेल्लूर को हुई है। इसलिए मेरे टी.सी. (Transfer Certificate) (सी.सी.) (Conduct Certificate) और एस.सी. (Study Certificate) यथाशीघ्र दिलाने की कृपा करें। मैं नेल्लूर की पाठशाला में भर्ती होना चाहता हूँ। आपका विनम्र विद्यार्थी, पता : |
17. हिन्दी सीखने की आवश्यकता पर जोर देते हुए अपने दोस्त (मित्र) के नाम पत्र लिखिए।
उत्तर:
अमलापुरम, प्रिय मित्र, सुरेश कुमार, तुम्हारा पत्र पाकर मैं बहुत खुश हुआ । मैं अगले फरवरी में हिन्दी विशारद परीक्षा में बैठने की तैयारी कर रहा हूँ। हिन्दी सीखने में बहुत आसानी भाषा है। वह हमारे भारत की राष्ट्र भाषा है। देश भर में असंख्य लोग यह भाषा समझते और बोलते हैं। अगर हम उत्तर भारत में कही भी जाएँ तो हिन्दी की उपयोगिता समझ में आयेगी। वहाँ अंग्रेज़ी या किसी भी दूसरी भाषा से काम नहीं चलता | हिन्दी नहीं जानते तो हम वहाँ एक अजनबी रह जायेंगे। इसलिए तुमसे भी मेरा अनुरोध है कि तुम भी हिन्दी सीख लो। आशा है कि तुम समय-समय पर पत्र लिखा करोगे। तुम्हारा, पता : |
18. तुम्हारे देखे हुए प्रदर्शिनी का वर्णन करते हुए मित्र को पत्र लिखिए।
उत्तर:
विलसा, प्रिय मित्र साई, मैं यहाँ कुशल हूँ। तुम भी कुशल समझता हूँ। आजकल विजयवाडा में एक बड़ी – भारी औद्योगिक प्रदर्शिनी चल रही है। मैंने उसे देखा है उस प्रदर्शिनी के बारे में तुम्हें कुछ बताना चाहता हूँ। इस प्रदर्शिनी में सैकड़ों की दूकानें, खिलौने की दूकानें हैं। इनके साथ खेतीबारी के संबंधित यंत्र और औजारों की प्रदर्शिनी भी हो रही है। बच्चों को आनंद देनेवाली ‘बच्चों की रेल गाडी’ है। घूमनेवाली बडी “जैन्टवील’ है। हवाई जहाज़, रॉकेट और ऊँट हैं। उन पर बैठकर सफ़र कर सकते हैं। रेल विभाग, तार विभाग के जो स्टाल हैं वे बडे आकर्षक हैं और अन्य कई आकर्षणीय विभाग हैं। . परीक्षा के समाप्त होते ही तुम यहाँ चले आओ। तुमको भी मैं ये सब दिखाऊँगा। तुम्हारे माता-पिता से मेरा नमस्कार कहना। तुम्हारा प्रिय मित्र, पता : |
19. आपकी पाठशाला में बालदिवस मनाया गया। उसका वर्णन करते हुए मित्र के नाम पत्र लिखिए।
उत्तर:
विजयवाडा, प्यारे मित्र हरीश, मैं यहाँ कुशल हूँ। आशा करता हूँ कि तुम भी वहाँ सकुशल हो। कल हमारी पाठशाला में बालदिवस अच्छी तरह मनाया गया है। सुबह दस बजे को प्रधानाध्यापक जी ने बालदिवस सभा को आरंभ किया। प्रधानाधापक के साथ अन्य अध्यापक गण भी बालदिवस के बारे में भाषण दिये। हमारी पाठशाला को रंग-बिरंगे कागजों से और दीपों से खूब सजाया गया। कई प्रतियोगिताएँ चलायी गयी। इन में प्रथम और द्वितीय स्थान पाये विद्यार्थियों को प्रधानाध्यापक जी ने इनाम दिये। नेहरू जी के जन्म दिवस के उपलक्ष्य में हर साल बालदिवस मनाया जाता है। सभा के अंत होने के बाद हमें मिठाइयाँ बाँटा गया। मैं आशा करता हूँ कि तुम्हारी पाठशाला में भी बालदिवस अच्छी तरह मनाया गया है। बडों को मेरा नमस्कार तुम्हारा प्यारे मित्र, पता : |