AP State Board Syllabus AP SSC 10th Class Hindi Textbook Solutions Chapter 12 धरती के सवाल अंतरिक्ष के जवाब Textbook Questions and Answers.
AP State Syllabus SSC 10th Class Hindi Solutions Chapter 12 धरती के सवाल अंतरिक्ष के जवाब
10th Class Hindi Chapter 12 धरती के सवाल अंतरिक्ष के जवाब Textbook Questions and Answers
InText Questions (Textbook Page No. 68)
प्रश्न 1.
हवाई जहाज़ का आविष्कार किसने किया ?
उत्तर:
हवाई जहाज़ का आविष्कार विलबर राइट व ओरोविन राइट नामक दो भाइयों ने किया।
प्रश्न 2.
उड़ते हवाई जहाज़ को देखकर आपको क्या लगता है? क्यों?
उत्तर:
उडते हवाई जहाज को देखकर मुझे यह लगता है कि मानव ने कितनी वैज्ञानिक प्रगति या उन्नति को पाया है? क्योंकि वे पक्षियों के जैसे आसमान में विचरण कर रहे हैं। मुझे यह भी लगता है कि मैं भी हवाई जहाज में बैठकर आसमान में विचरण करूँ, क्योंकि मैं अभी तक हवाई जहाज में नहीं उड सका।
प्रश्न 3.
पशु – पक्षी और मानव गुणों में क्या अंतर है?
उत्तर:
- पशु – पक्षियों को मानव की तुलना में कुछ विशिष्ट प्राकृतिक गुण प्राप्त हुए हैं।
- पक्षी मुक्त आकाश में उड़ सकते हैं। मानव तथा पशु उड़ नहीं सकते।
- मानव बोल सकते हैं लेकिन पशु – पक्षी बोल नहीं सकते।
- मानव सोच सकते हैं। लेकिन पशु – पक्षी सोच नहीं सकते।
- मानव बुद्धि जीव है। लेकिन पशु – पक्षी में बुद्धि नहीं हैं।
InText Questions (Textbook Page No. 71)
प्रश्न 1.
निरक्षरों को साक्षर बनाने के लिए सरकार द्वारा क्या – क्या कदम उठाये जा रहे हैं?
उत्तर:
निरक्षरों को साक्षर बनाने के लिए सरकार द्वारा ये क़दम उठाये जा रहे हैं –
- 6 से 14 वर्ष के बच्चों के लिए शिक्षा पाने का अधिकार मौलिक अधिकार बना दिया गया है।
- अभिभावकों को नशा – खोरी से मुक्ति दिलाने के लिए अभियान चला।
- प्रौढ शिक्षा केंद्र चलाकर उन्हें साक्षर बनाया जा रहा है।
- उम्र के अनुसार बच्चों को या प्रौढों को परीक्षाएँ लिखने की सुविधा दी जा रही है।
- अक्षर दीप्ति, सांस्कृतिक कार्यक्रम, भाषणों के द्वारा साक्षरता का महत्व बताया जा रहा है।
प्रश्न 2.
एक छात्र में कौन – कौन से महत्वपूर्ण गुण होने चाहिए ?
उत्तर:
एक छात्र में अपने प्रति ईमानदारी और दूसरों के प्रति आदर गुण जैसे महत्वपूर्ण गुण होने चाहिए। अनुशासन का पालन करना चाहिए। पढाई में निरंतर प्रयत्नशील रहना चाहिए।
प्रश्न 3.
एक छात्र के रूप में विकसित भारत के स्वप्न को साकार करने के लिए हमें क्या – क्या करना चाहिए ? (या) एक छात्र के रूप में आप विकसित भारत के स्वप्न को साकार करने में क्या योगदान दे सकते हैं?
उत्तर:
- आगे बढ़ने के लिए खूब परिश्रम करना चाहिए।
- जीवन में एक लक्ष्य बनाना चाहिए। उसे प्राप्त करने के लिए आवश्यक ज्ञान और अनुभव प्राप्त करना चाहिए।
- नैतिक मूल्यों को भी ग्रहण करना चाहिए। बाधाओं से लड़ते हुए उन पर विजय प्राप्त करना चाहिए।
- छात्रों को निरंतर प्रयत्नशील होना चाहिए।
- छुट्टी के दिनों में छात्र गरीब और सुविधाओं से वंचित बच्चों को पढ़ाने का काम करें।
- छात्र अधिक से अधिक पौधे लगायें।
प्रश्न 4.
भारत को भ्रष्टाचार से मुक्त कराने में छात्रों का क्या योगदान हो सकता है?
उत्तर:
हर छात्र को माता – पिता तथा प्राथमिक विद्यालय के शिक्षकों से ईमानदारी और सच्चाई का पाठ सीखना चाहिए। छात्र यह संकल्प कर लेना चाहिए कि सदैव ईमानदार एवं भ्रष्टाचार मुक्त जीवन का निर्वाह करें।
InText Questions (Textbook Page No. 72)
प्रश्न 5.
बच्चों के लिए टेसी थॉमस का संदेश क्या है?
उत्तर:
टेसी थॉमस बच्चों को यह संदेश देती हैं कि जो भी पढ़े ध्यान से पढ़े, मेहनत करें, और लक्ष्य प्राप्त करने तक रुके नहीं | जो पसंद है उसमें अपना जी – जान लगा दें। कमर – कसकर तैयारी करें। सफलता अवश्य उनके कदम चूमेगी।
प्रश्न 6.
टेसी थॉमस को ‘अग्नि-पुत्री’ का उपनाम क्यों दिया गया होगा?
उत्तर:
थॉमस रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डी.आर.डी.ओ.) के अग्नि कार्यक्रम की निदेशक बनी। उन्होंने देश के किसी मिसाइल प्रॉजेक्ट की पहली महिला प्रमुख बनने का गौरव प्राप्त किया। अग्नि मिज़ाइल के अभियान की सफलता के कारण उसे अग्नि पुत्री का उपनाम दिया गया होगा।
अर्थव्राह्यता-प्रतिक्रिया |
अ) प्रश्नों के उत्तर दीजिए।
प्रश्न 1.
ए.पी.जे अब्दुल कलाम जैसे कुछ और महापुरुषों के नाम बताइए।
उत्तर:
डॉ.सर.सी.वी.रामन, मोक्षगुंडम विश्वेस्वरय्या, कामराज नाडार, जगदीश चंद्रबोस, पं.जवाहरलाल नेहरु, डॉ.बाबू राजेंद्रप्रसाद और महात्मा गाँधी आदि महापुरुष थे।
प्रश्न 2.
ए.पी.जे अब्दुल कलाम और टेसी थॉमस में आपको सबसे अच्छी बात कौनसी लगी और क्यों?
उत्तर:
ए.पी.जे अब्दुल कलाम में प्रतिभा, परिश्रम और लगन आदि बातें मुझे बहुत अच्छी लगी क्योंकि उन्होंने इन्हीं के माध्यम से यह सिद्ध कर दिखाया कि मनुष्य के लिए विश्व में कुछ भी असंभव नहीं है। टेसी थॉमस में मुझे मेहनत, लगन और दृढ़ निश्चय आदि बातें बहुत अच्छी लगी। क्योंकि उन्होंने इन्हीं के द्वारा पुरुष वर्चस्ववाले क्षेत्र में सफलता के नये शिखर तय किये हैं।
आ) पाठ पढ़िए। अभ्यास कार्य कीजिए।
प्रश्न 1.
ए.पी.जे अब्दुल कलाम का साक्षात्कार किसने लिया ?
उत्तर:
राष्ट्रपति कार्यकाल के दौरान कुछ छात्रों ने ए.पी.जे अब्दुल कलाम का साक्षात्कार लिया था।
प्रश्न 2.
टेसी थॉमस का साक्षात्कार किसने लिया?
उत्तर:
टेसी थामस का साक्षात्कार “इंडिया टुडे” साप्ताहिक पत्रिका ने लिया था।
प्रश्न 3.
ए.पी.जे अब्दुल कलाम ने बाल मज़दूरी को समाप्त करने के लिए क्या उपाय बताये?
उत्तर:
ऐसी समस्या को तीन अलग – अलग उपायों से निपटा जा सकता है।
- बच्चे स्वयं अपनी पढ़ाई जारी रखने में रुचि दिखायें।
- माता – पिता को शिक्षित करके।
- बच्चों से काम लेने वाले मालिकों में आत्म – नियंत्रण की प्रवृत्ति का विकास करके।
प्रश्न 4.
टेसी थॉमस की स्कूली पढ़ाई कहाँ हुई? उन्हें किन विषयों में रुचि थी?
उत्तर:
उनकी शिक्षा – दीक्षा केरल स्थित अलप्पुझा में हुई। उन्हें गणित और विज्ञान विषय में रुचि थी।
इ) निम्नलिखित पंक्तियों की व्याख्या कीजिए।
प्रश्न 1.
सार्वजनिक जीवन में भ्रष्टाचार उन्मूलन के लिए व्यापक आंदोलन की आवश्यकता है।
उत्तर:
ए.पी.जे अब्दुल कलाम जी के अनुसार सार्वजनिक जीवन में भ्रष्टाचार उन्मूलन के लिए व्यापक आंदोलन की आवश्यकता है। कलाम जी के राय में यह आंदोलन छात्रों के घर और विद्यालयों से ही आरंभ करना होगा। भ्रष्टाचार उन्मूलन में केवल तीन ही तरह के लोग सहायक सिद्ध हो सकते हैं। वे हैं माता, पिता तथा प्राथमिक विद्यालयों के शिक्षक | ये तीनों छात्रों को सच्चाई और ईमानदारी का पाठ पढाते हैं।
प्रश्न 2.
सच्चे अर्थों में वे देश के ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया के आदर्श हैं।
उत्तर:
इस वाक्य को टेसी थॉमस ने अपना आदर्श ए.पी.जे अब्दुल कलाम को मानती हुई अब्दुल कलाम जी के बारे में कहती हैं। इसमें ए.पी.जे अब्दुल कलाम जी के बारे में बताया गया है। टेसी थॉमस कहती हैं कि सच्चे अर्थों में ए.पी.जे अब्दुल कलाम जी देश के ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया के आदर्श हैं। उन्होंने दुनिया के मान चित्र में भारत को जो स्थान दिलाया है, उसके लिए भारतवासी उनके ऋणी हैं।
ई) गद्यांश पढ़कर प्रश्नों के उत्तर दीजिए।
विज्ञान की भी एक भाषा होती है। यदि आप ध्यान से देखें तो आपको पता चलेगा कि किस | तरह ऋतुएँ बदलती रहती हैं। किस तरह किसी बीज से नन्हा पौधा निकलता है। किस तरह पानी पर कागज़ की नावें तैरती हैं। किस तरह पक्षी उडते हैं। किस तरह तितली फूल का रस पीती है। किस तरह गुब्बारा हवां से फूलता है। चारों ओर विज्ञान ही विज्ञान है। विज्ञान किताबों में कम आपकी समझ में ज्यादा बसता है। इसीलिए कुछ जानने की इच्छा हमेशा रहनी चाहिए। जो जानने की इच्छा नहीं रखता वह किताबें पढ़कर भी कुछ नहीं सीख सकता ।
प्रश्न :
प्रश्न 1.
विज्ञान कैसा विषय है?
उत्तर:
विज्ञान ऐसा विषय है जो किताबों में कम और समझ में ज्यादा बसता है।
प्रश्न 2.
विज्ञान के कुछ उदाहरण दीजिए।
उत्तर:
ऋतुएँ बदलना, बीज से नन्हे पौधे निकालना, पानी पर कागज की नावें तैरना, पक्षी उडना, तितली फूल के रस चूसना, गुब्बारा हवा से फूलना ये सब विज्ञान के कुछ उदाहरण हैं।
प्रश्न 3.
जानने की इच्छा न हो तो क्या होगा?
उत्तर:
जानने की इच्छा न हो तो हमें विज्ञान की बातें समझ न आती है। क्योंकि विज्ञान किताबों में कम और समझ में ज्यादा बसता है। जिसे जानने की इच्छा नहीं रहता वह किताबें पढ़ने पर भी नहीं सीख सकता।
अभिव्यक्ति-सृजनात्मकता
अ) इन प्रश्नों के उत्तर तीन – चार पंक्तियों में लिखिए।
प्रश्न 1.
कलाम के विचार में “आदर्श छात्र” के गुण क्या हैं?
उत्तर:
कलाम के विचार में आदर्श छात्र के गुण ये हैं। जैसे :
- महिलाओं को शिक्षित कराना।
- ईमानदार और भ्रष्टाचार मुक्त जीवन का निर्वाह करना।
- दूसरों के लिए आदर्शवान बनना।
- पढ़ते हुए कक्षा में आगे बढ़ना। – खूब परिश्रम करना।
- जीवन में एक लक्ष्य बनाना और उसे प्राप्त करने के लिए आवश्यक ज्ञान और अनुभव प्राप्त करना।
- निरंतर प्रयत्नशील रहते हुए सबसे बढिया काम करना।
- नैतिक मूल्यों को ग्रहण करना।
- गरीब बच्चों को छुट्टी के दिनों में पढ़ाना।
- अधिक से अधिक पौधे लगाना।
प्रश्न 2.
टेसी थॉमस के जीवन से हमें क्या संदेश मिलता है?
उत्तर:
टेसी थॉमस के जीवन से हमें ये – संदेश मिलते हैं।
- सादगी का जीवन बिताना ।
- मेहनत, लगन और दृढ़ निश्चय से अपने पसंदी क्षेत्रों में सफलता के नये शिखर तय करना।
- अध्यापकों तथा गुरुजनों की स्तुति करना।
- लक्ष्य प्राप्त करने तक नहीं रुकना।
- हमें जो विषय पसंद है उसमें जी जान लगाना।
- कमर कसकर तैयारी करना।
आ) इन प्रश्नों के उत्तर आठ – दस पंक्तियों में लिखिए।
प्रश्न 1.
अच्छे नागरिक बनने के लिए कौन से गुण होने चाहिए?
उत्तर:
अच्छे नागरिक बनने के लिए निम्न लिखित गुण होने चाहिए जैसे :
- सामाजिक समस्याओं के प्रति जागरूक होना चाहिए।
- साक्षरता को बढ़ाना चाहिए। इस के लिए हर एक नागरिक या छात्र कम से कम पाँच महिलाओं को शिक्षित कराना चाहिए।
- सार्वजनिक जीवन में भ्रष्टाचार उन्मूलन के लिए नागरिकों को कदम बढ़ाना चाहिए।
- हर नागरिक को सच्चाई तथा ईमानदारी से रहना चाहिए। कानून का आदर करना चाहिए।
- दूसरों के प्रति आदर का गुण को अपनाना चाहिए।
- खूब परिश्रमी होनी चाहिए।
- आपने जीवन में पहले एक लक्ष्य को बनाना चाहिए। उसे प्राप्त करने की ओर कदम बढाना चाहिए।
- नैतिक मूल्यों को ग्रहण करना चाहिए।
- अधिक से अधिक पौधे लगाना चाहिए।
प्रश्न 2.
टेसी थॉमस अब्दुल कलाम को अपना आदर्श मानती हैं। क्यों?
उत्तर:
टेसी थॉमस अब्दुल कलाम को अपना आदर्श मानती हैं क्योंकि हमारे देश में जब भी अंतरिक्ष विज्ञान और मिसाइल की बात की जाती है तो ए.पी. जे. अब्दुल कलाम के नाम ही आता है। सच्चे अर्थों में वे देश के ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया के आदर्श हैं। उन्होंने दुनिया के मान चित्र में भारत को स्थान दिलाया है उस के लिए भारतवासी ऋणी हैं। यही नहीं कि अब्दुल कलाम जी टेसी थॉमस के गुरु हैं। वे महान थे। वे महान हैं। वे महान रहेंगे। उनकी नेतृत्व क्षमता बेमिसाल है।
इ) किसी एक साक्षात्कार को उचित शीर्षक देते हुए निबंध के रूप में लिखिए।
उत्तर:
टेसी थॉमस
टेसी थॉमस हैदराबाद में डिफेंस क्वार्टर्स में रहती हैं। आप सदा भारतीय सांस्कृतिक छाप प्रदर्शन करनेवाली जरी साड़ियाँ पहनती हैं। आप सादगी का जीवन बिताती है। आपके घर में पुरस्कारों तथा सम्मानों का भंडार पड़ा है। उनकी शिक्षा-दीक्षा केरल स्थित अलप्पुझा में हुई। यहीं पर उनका जन्म भी हुआ था।
रक्षा अनुसंधान और विज्ञान को पुरुषों का क्षेत्र माना जाता है। मगर टेसी थॉमस जी ने इसका अपवाद है। उन्होंने अपनी मेहनत, लगन और दृढ़ विश्वास से पुरुष वर्चस्व वाले क्षेत्र में सफलता के नये शिखर तय किये हैं।
थॉमस रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन के अग्नि – कार्यक्रम की निदेशक बनी। उन्होंने देश के किसी मिसाइल प्राजेक्ट की पहली महिला प्रमुख बनने का गौरव प्राप्त किया।
टेसी थॉमस बचपन से ही अंतरिक्ष के सपने देखती थी। इसी कारण उन्होंने गणित और विज्ञान विषय को अपने तन – मन में बसा लिया। इस कार्य में आपकी पाठशाला और अध्यापकों का बहुत बड़ा योगदान रहा। आप भारत की “प्रथम मिज़ाइल वुमन’ और अग्निपुत्री” कहकर पुकारा जाती हैं।
आप डी. आर. डी.ओ.द्वारा सन् 1985 में चुने गये देश भर के दस वैज्ञानिकों में एक हैं। आपके गुरु ए.पी.जे अब्दुल कलाम है। कलाम जी ने ही प्रेरणा के अग्नि पंख दिये हैं। कलाम जी को आप अपना आदर्श मानने में गर्व का अनुभव करती हैं।
आप बच्चों को यह सूचना देती हैं कि “वे जो भी पढ़े ध्यान से पढ़े। मेहनत करें। लक्ष्य प्राप्ति तक उन्हें रुकना नहीं चाहिए।
ई) ए.पी.जे. अब्दुल कलाम के विचार आदर्श योग्य हैं। इन विचारों को अमल में लाने के लिए आप क्या करेंगे?
उत्तर:
ए.पी.जे. अब्दुल कलाम के विचार आदर्श योग्य हैं। इन विचारों को अमल में लाने के लिए मैं ये करूँगा
- युवाशक्ति के रूप में देश के आर्थिक विकास में योगदान दूंगा।
- महिला साक्षरता को बढ़ाने में सहयोग दूंगा।
- मैं स्त्री समस्याओं के बारे में बताकर सावधान कराऊँगा।
- 6 से 14 वर्ष के बच्चों को शिक्षा पाने के अधिकार के बारे में सबको समझाऊँगा।
- बच्चों के अभिभावकों को नशाखोरी से मुक्ति दिलाने में योगदान दे सकूँगा। बाल मज़दूर का उन्मूलन कर सकूँगा।
- सार्वजनिक जीवन में भ्रष्टाचार उन्मूलन के व्यापक आंदोलन में भाग लेकर मैं अपना सहयोग दूंगा।
- मैं भी खुद भ्रष्टाचार मुक्त जीवन का निर्वाह करूँगा।
- मैं अपने प्रति ईमानदारी और दूसरों के प्रति आदर भाव रखूगा।
- खूब परिश्रम करूँगा।
- अधिक से अधिक पौधे लगाऊँगा।
भाषा की बात
अ) कोष्ठक में दी गयी सूचना पढ़िए और उसके अनुसार कीजिए।
1. प्रतिभा, परिश्रम, छात्र, शिक्षा (एक – एक शब्द का वाक्य प्रयोग कीजिए। पर्याय शब्द लिखिए।)
वाक्य प्रयोग
- प्रतिभा – प्रतिभा में उससे कोई भी समझौता नहीं करते।
- परिश्रम – खूब परिश्रम करने पर ही हमें जीत मिलता है।
- छात्र – राम एक अच्छा छात्र है।
- शिक्षा – जवाहरलाल जी का प्रारंभिक शिक्षा – दीक्षा घर पर ही हुई।
पर्याय शब्द
- प्रतिभा – बुद्धि, प्रभा
- परिश्रम – मेहनत, श्रम
- छात्र – चेला, शिष्य, विद्यार्थी
- शिक्षा – विद्या, पढाई
2. संभव, ज्ञान, बढ़िया, साकार (एक – एक शब्द का विलोम शब्द लिखिए। वाक्य प्रयोग कीजिए।)
विलोम शब्द
- संभव × असंभव
- ज्ञान × अज्ञान, मूर्खता
- बढ़िया × घटिया
- साकार × निराकार
वाक्य प्रयोग
- संभव – परिश्रम से हर काम संभव हो जाता है। कोई काम असंभव नहीं होता।
- ज्ञान – हर एक को ज्ञान चाहिए न कि अज्ञान।
- बढ़िया – सदा बढ़िया माल को ही खरीदना चाहिए न कि घटिया माल।
- साकार – मेरे राय में तो भगवान साकार रूपी है, निराकार नहीं।
3. छात्रा, छुट्टी, पौधा, बात (एक – एक शब्द का वचन बदलिए। वाक्य प्रयोग कीजिए।)
वचन
- छात्रा – छात्राएँ
- छुट्टी – छुट्टियाँ
- पौधा – पौधे
- बात – बातें
वाक्य प्रयोग
- छात्रा – छात्राएँ सब मिलकर एक साथ जा रही हैं।
- छुट्टी – गर्मी की छुट्टियों में मैं मुंबई जाऊँगा।
- पौधा – हर एक को अधिक से अधिक पौधे लगाना चाहिए।
- बात- व्यर्थ बातों से समय काटना ठीक नहीं।
आ) सूचना पढ़िए। उसके अनुसार कीजिए।
प्रश्न 1.
निर्धन, संकल्प (संधि विच्छेद कीजिए।)
उत्तर:
निर्धन = निः + धन
संकल्प = सम् + कल्प
प्रश्न 2.
सुबह – शाम, युवाशक्ति (समास पहचानिए।)
उत्तर:
सुबह – शाम – द्वंद्व समास
युवाशक्ति – तत्पुरुष समास
इ) रेखांकित शब्दों पर ध्यान दीजिए और इन्हें समझिए।
प्रश्न 1.
राष्ट्रपति कार्यकाल के दौरान कुछ बालकों ने उनका साक्षात्कार लिया था।
उत्तर:
कार्यकाल – पुंलिंग
कुछ – अनिश्चय वाचक सर्वनाम, अनिश्चय संख्या वाचक विशेषण
उनका – अन्य पुरुष वाचक सर्वनाम
प्रश्न 2.
निरंतर प्रयत्नशील रहते हुए सबसे बढ़िया काम करने की ओर बढ़ते रहें।
उत्तर:
निरंतर – क्रिया विशेषण
बढ़िया – अनिश्चित परिमाण वाचक विशेषण
की ओर – संबंध कारक
ई) रेखांकित शब्दों के स्थान पर कोष्ठक में दिये गये शब्दों का प्रयोग कर वाक्य बनाइए।
एक छात्र होने के नाते आप जिस कक्षा में भी पढ़ते हों, उसमें आगे बढ़ने के लिए खूब . परिश्रम करें। (नागरिक – देश, खिलाड़ी – खेल, कलाकार – कला, अध्यापक – विषय, परीक्षार्थी – परीक्षा)
उत्तर:
- एक नागरिक होने के नाते आप जिस देश में भी रहते हों, उसमें आगे बढ़ने के लिए खूब परिश्रम करें।
- एक खिलाड़ी होने के नाते आप जिस खेल में भी खेलते हों, उसमें आगे बढ़ने के लिए खूब परिश्रम करें।
- एक कलाकार होने के नाते आप जिस कला में भी हों, उसमें आगे बढ़ने के लिए खूब परिश्रम करें।
- एक अध्यापक होने के नाते आप जिस विषय में भी पढ़ाते हों, उसमें आगे बढ़ने के लिए खूब परिश्रम करें।
- एक परीक्षार्थी होने के नाते आप जिस परीक्षा में भी लिखते हों, उसमें आगे बढ़ने के लिए खूब परिश्रम करें।
परियोजना कार्य
छठवीं कक्षा से दसवीं कक्षा तक की हिन्दी पाठ्यपुस्तकों के मुखपृष्ठों में (कवर पेज) आपको कौनसा मुखपृष्ठ बहुत अच्छा लगता है? उसके बारे में अपने विचार व्यक्त करते हुए एक सूची बनाइए उसका कक्षा में प्रदर्शन कीजिए।
उत्तर:
छठवीं कक्षा से दसवीं कक्षा तक की हिंदी पाठ्य पुस्तकों के मुखपृष्ठों में मुझे सातवीं कक्षा की हिंदी पाठ्य पुस्तक का मुखपृष्ठ बहुत अच्छा लगता है। इसके बारे में मेरे विचार इस प्रकार हैं।
- एक आम के पेड़ का एक शाखा है जिसके कई आम के फल हैं।
- पेड पर एक तोता आम का फल तोड़ रहा है।
- एक बालक दूसरे बालक के कंधे पर बैठकर आम तोड़ रहा है।
- एक बगीचे में रंग – बिरंगे फूल खिले हुए हैं।
- एक लडकी हाथ में फूल लिये खरगोश के पीछे दौड रही है।
- पीले, काले रंग के साथ सफ़ेद बिंदुओं वाली तितली फूलों से मधु पीने फूलों पर उडने लगी। – बगीचे में उनके साथ – साथ एक कुत्ता भी है।
- बडे – बडे पंखों वाला एक भ्रमर भी मधु पीने फूलों पर उड़ रहा है।
- मुखपृष्ठ पर एक पाठशाला भी है। हरियाली से भरी हुई इस चित्र को देखकर बच्चों में पुस्तक के प्रति आकर्षण उत्पन्न होगा। पुस्तक तथा पाठों को पढने के लिए तत्पर हो उठेंगे।
- बच्चों में कुछ जानने की इच्छा पैदा होगी।
- खेलते – कूदते पढ़ने – लिखने का अभ्यास उनमें उत्पन्न होगा। पेड़ – पौधों, जीव – जंतुओं के प्रति प्रेम भावना भी छात्रों में उत्पन्न होगी।
- छात्रों के सर्वांगीण विकास के लिए यह मुखपृष्ठ बल देगा।
धरती के सवाल अंतरिक्ष के जवाब Summary in English
No one would imagine that a poor boy who sold newspapers in the streets of Rameshwaram in Tamil Nadu, would become an eminent scientist and the President of India. That poor boy proved that nothing was impossible in this world for a man with talent, hard work and indefatigability. Where there is a will, there is a way. Yes, that boy is none other than our ex-President who was renowned as Missile Man ‘Bharata Ratna’ Abul Faqir Jainullabuddin Abdul Kalam.
When he held office as President, some students interviewed him. The following are the excerpts from that interview.
Students :
Rapidly growing population and other social problems are spreading like an epidemic. As students, how can we tackle them? Please explain.
Abdul Kalam : There are no two opinions about this. There are population growth and other social problems in our country. But one unforgettable thing is – there is no other country in the world like India which has 50 per cent energetic youth. The young generation is playing a key role in the economic development of India. Where the woman literacy is ample enough, there literacy controls the growing population. It has already been proved. As a student, each one of you should educate 5 illiterate women. Besides, make them aware about the problems women are facing in the present society.
Students :
Sir, would you please advise us as President of India, how to resolve the problem of child labour.
Abdul Kalam :
As per law, it is a crime to engage the children in work. Before the end of this century, we should root it out. Indian Constitution declares that the children aged between 6 and 14 are entitled the right to education. We should wage a war to get of the intoxication of guardians of the children. There is a need to educate them through adult education. We may choose three different ways to solve this problem. They are :
1) children should be passionate on their own to continue their studies.
2) To get their parents educated
3) To develop the nature of self control in the masters who engage children in work.
Students :
Presently the corruption is prevalent in all walks of life. What will our stu dents do to salvage India from the corruption by the year 2020?
Abdul Kalam : You should organize agitations to eradicate the corruption in public life. These agitations should be started from our home and our school. In my opinion, three people can help in the eradication of corruption. They are : 1) Mother 2) Father and 3) The teachers of primary schools. If these people teach the students the lesson of honesty, faith, no one can move them in their life. Therefore, this type of agitation should begin at every home. Then we can eliminate corruption from our public life. If you decide to lead your lives always honesty morally, and without corruption, and to move towards that direction, you will be ideal to others.
Students :
Elders always instruct something to children. Some want us to be disciplined, some want us to fare well in studies, some want us to be honest and loyal. Some others advise us to work hard. It is very good to follow all these. But what is the great quality a student should have?
Abdul Kalam :
The great quality a student should possess is to have faith in himself and to give respect to others. These characteristics will mould you into ideal students.
Students :
Sir, last question. As a student, how can I be of help to make your dream of developing India come true?
Abdul Kalam :
Whatever class you study in, try to work hard and whole heartedly and be successful with flying colours. Firstly set a goal in your life. Later, obtain needed experience and knowledge to achieve that goal. Be victorious fighting against problems. Make an effort constantly and move towards doing good deeds. Follow moral values. The students should always work hard. During holidays, have a motive in your life to get the poor and destitute children educated. The students plant trees. By doing this, they will be of a great helping keeping ecological balance. All these deeds lead towards a progressive way not only us but also our country.
Interview – 2
I got the interview with Tessy Thomas with much difficulty. I went to her home situated at defence quarters in Hyderabad. On hearing the calling bell, she, clad in a jari sari and seemed to be the symbol of Indian culture, invited me in a humble manner. I was impresed with her simple living at my very first sight.
Her house was filled with the things concerned with awards and momentous. But, of them, the Mahout’s picture which she got as a prize during her Engineering, attracted me very much. She completed her schooling at Alappujha village in Kerala where she was born. In those times, defence, research and science course were supposed to be the fields belonged to men only. But Tessy Thomas was different from this. With her effort, perseverance, passion, determination she reached the peaks in her career and achieved success in the field which was supposed for men only.
As a part of Defence Research and Development Organization (DRDO), she became the monitor of ‘Agni-5′ programme. She was honoured as the first Indian woman who took up the first missile project in the country. Come …. let’s ask her and know about her.
Interviewer :
What would you say about your initial life?
Tessy Thomas :
Thad desire to do something different since my childhood. I would dream about Space. That’s why I got interested in science and mathematics mentally and physically. In this the role of my school in Alappujha and teachers is worth – mentioning. My teachers’ cooperation and my determination and dedication helped me achieve success.
Interviewer :
How would you feel if someone else called you the ‘India’s First Missile Woman’ and ‘The daughter of Agni’?
Tessy Thomas :
I feel very glad. I have no words to describe my joy. Ten young scientists had been selected by DRDO in 1985 from all over the country. I was one among them. That day my joy knew no bounds. I felt like my dreams had wings. When Agni missile was successful, it caused great excitement which I will ever remember.
Interviewer :
Who would you think is your role model?
Tessy Thomas :
As to space science and missile, only one person’s name echoes in everybody’s hearts – APJ Abdul Kalam. In fact, he is highly regarded as an ideal personality not only in India but also throughout the world. All Indians were deeply indebted to him. I proudly say, he is my preceptor (Tessy Thomas worked under the leadership of Kalam at DRDO). He is an inspiration to me. It was only because of his inspiration I got ‘Agni wings ! He is such a great man. The great people are always great. His leadership qual ity is matchless. I feel very proud to regard him as my role model.
Interviewer :
What is your message to the children?
Tessy Thomas :
What I would like to tell the children is – whatever you study, do it attentively. Be hard – working stop not till you reach your goal. Show your concern on the things you like the most. Prepare ardently you will certainly achieve success.
धरती के सवाल अंतरिक्ष के जवाब Summary in Telugu
తమిళనాడుకు చెందిన రామేశ్వరం వీధుల్లో వార్తాపత్రికలను అమ్ముకునే ఒక పేద బాలుడు ఒకరోజు సుప్రసిద్ధ శాస్త్రవేత్త మరియు భారతదేశ రాష్ట్రపతి అవుతాడని ఎవ్వరూ కలలో కూడా ఆలోచించి ఉండరు. కానీ ఆ పేద పిల్లవాడు తన ప్రతిభ, పరిశ్రమ మరియు శ్రద్ధలతో మనిషికి ఈ ప్రపంచంలో అసంభవం అనేది ఏదీ ఉండదని నిరూపించెను. మనస్సులో ఒకవేళ కోరిక ఉన్నట్లయితే దారి దానంతట అదే లభిస్తుంది. అవును, ఆ బాలుడు మరెవరో కాదు మన భారతదేశ పూర్వ రాష్ట్రపతి మిసైల్ మేన్ గా ప్రసిద్ధి చెందిన “భారతరత్న” అబుల్ ఫకీర్ జైనుల్లాబుద్దీన్ అబ్దుల్ కలాం.
ఆయన రాష్ట్రపతి పదవిలో నున్న సమయంలో కొంతమంది విద్యార్థులు ఆయనను ఇంటర్వ్యూ చేసిరి. ప్రస్తుతం ఆ ఇంటర్వ్యూలోని కొన్ని చమక్కులు.
బాలురు :
పెరుగుతున్న జన సంఖ్య, ఇతర సామాజిక సమస్యలు మనదేశంలో మహమ్మారిలా వ్యాపిస్తున్నాయి. వాటి గురించి జాగరూకత తీసుకోవడంలో మా విద్యార్థులు ఏం చేయగలం?
అబ్దుల్ కలాం :
దీనిలో రెండు అభిప్రాయాలు ఏమీ లేవు. మనదేశంలో జనాభా పెరుగుదల, సామాజిక సమస్యలు ఉన్నాయి. కానీ మరచిపోని విషయం ఏమిటంటే ఈ ప్రపంచంలోనే 50 శాతం యువశక్తి ఉన్న దేశం భారతదేశం తప్ప మరొకటి లేదు. ఈ యువశక్తి దేశ ఆర్థిక అభివృద్ధిలో ప్రధాన పాత్ర పోషించుచున్నది. ఎక్కడైతే స్త్రీ అక్షరాస్యత ఎక్కువగా ఉందో అక్కడ అక్షరాస్యత, పెరిగే జనాభాను నియంత్రించుచున్నది. ఇది ఋజువైనది కూడా. ఒక విద్యార్థిగా మీరందరూ కనీసం ఒక్కొక్కరు ఐదుగురు మహిళలను అక్షరాస్యులను చేయండి. (ఎవరికైతే చదవడం వ్రాయడం రాదో వారిని) దీనికి తోడు నేటి సమాజంలో స్త్రీలు ముఖ్యంగా ఏ సమస్యలను ఎదుర్కొంటున్నారో వాటిని గురించి కూడా వివరించండి.
బాలురు :
భారత రాష్ట్రపతిగా మీరు బాల కార్మికుల సమస్యలను ఏ విధంగా పరిష్కరిస్తారో సూచనలివ్వండి.
అబ్దుల్ కలాం :
చట్టపరంగా బాలకార్మికులచే పనిచేయించడం ఒక నేరం. ఈ దశాబ్దం అంతం లోపల మనం దీన్ని కూకటివేళ్ళతో సహా పెకిలించాలి. భారతదేశ రాజ్యాంగం కూడా 6 నుండి 14 సం||రాల వయస్సు గల పిల్లలకు విద్య పొందే హక్కును పొందుపరచినది. బాల సంరక్షకుల మత్తును వదిలించడానికి యుద్ధం చేయవలసిన అవసరం ఉంది. వయోజన విద్య ద్వారా వారిని విద్యావంతులను చేయవలసిన పని ఉన్నది. ఈ సమస్యను పరిష్కరించుటకు మూడు వేర్వేరు ఉపాయాలను ఎంపిక చేసుకొనవచ్చును. అవి: 1) పిల్లలు స్వయంగా తమ చదువులను కొనసాగించడంలో అభిరుచి కలిగి ఉండడం 2) తల్లిదండ్రులను విద్యావంతులను చేయడం 3) పిల్లల చేత పని చేయించుకునే యజమానులలో ఆత్మ నియంత్రణ ప్రవృత్తిని పెంపొందించడం.
బాలురు :
ప్రస్తుతం అవినీతి అన్ని రంగాలలో వ్యాపించి ఉంది. 2020 సం||రాల కల్లా భారతదేశాన్ని అవినీతి నుండి విముక్తి చేయుట కొరకు మా విద్యార్థులం ఏమి చేయవచ్చు ?
అబ్దుల్ కలాం :
సార్వజనీన జీవితంలో అవినీతి నిర్మూలనకు ఆందోళన ఉద్యమాలు) చేపట్టాలి. ఈ ఉద్యమాలు మన ఇంటి నుండి, పాఠశాల నుండి ప్రారంభించాలి. నా దృష్టిలో ఈ అవినీతి నిర్మూలనలో ముగ్గురు వ్యక్తులు మాత్రమే సహాయకులు కాగలరు. వారు 1. తల్లి 2. తండ్రి మరియు 3. ప్రాథమిక పాఠశాలల ఉపాధ్యాయులు. ఈ ముగ్గురు విద్యార్థులలో నిజాయితీ, నమ్మకం అనే పాఠాలను చదివించినట్లయితే వారి జీవితంలో వారిని ఇంకెవ్వరూ కదలించలేరు. అందువలన ప్రతి ఇంటిలో ఇలాంటి ఉద్యమం రావాలి. అప్పుడు మనం మన సార్వజనీన జీవితంలో అవినీతిని తొలగించవచ్చు. మీరందరూ ఎల్లప్పుడూ నీతి నిజాయితీతో మరియు అవినీతి రహితంగా జీవితాన్ని గడుపుతామని సంకల్పించుకుని ఆ దిశగా అడుగులు వేస్తే మీరందరూ ఇతరులకు ఆదర్శప్రాయులు అవుతారు.
బాలురు :
పెద్దలు పిల్లలకు ఎల్లప్పుడూ ఏదో ఒక ఉపదేశం చేస్తూ ఉంటారు. కొందరు క్రమశిక్షణతో ఉండాలని అంటూ ఉంటారు. కొంతమంది బాగా చదవమని చెబుతారు, కొంతమంది నిజాయితీ, నమ్మకస్తులుగా ఉండమని చెబుతారు. బాగా పరిశ్రమించండి అని చెబుతారు మరికొందరు. వీటిని పాటించడం మంచిదే కానీ ఒక విద్యార్థికి ఉండవలసిన గొప్పగుణం ఏమిటి?
అబ్దుల్ కలాం :
ఒక విద్యార్థికి అన్నిటి కంటే ముఖ్యంగా ఉండవలసిన ఒక గొప్ప లక్షణం తనపట్ల నమ్మకం. ఇతరుల పట్ల గౌరవం. ఈ గుణాలు నిస్సందేహంగా మిమ్మల్ని ఆదర్శపౌరులుగా తీర్చిదిద్దుతాయి.
విద్యార్థులు :
చివరి ప్రశ్న. ఒక విద్యార్థిగా నేను అభివృద్ధి చెందుతున్న భారతదేశపు మీ స్వప్నాన్ని సాకారం చేసే దిశగా ఎలా తోడ్పడగలను?
అబ్దుల్ కలాం :
ఒక విద్యార్థిగా మీరు ఏ తరగతిలోనైనా చదవండి, దానిలో పైకి రావడానికి బాగా కృషి చేయండి. మీ జీవితంలో మొదటగా ఒక లక్ష్యాన్ని ఏర్పరచుకోండి. తదుపరి ఆ లక్ష్యాన్ని పొందడానికి కావలసిన అనుభవాన్ని, జ్ఞానాన్ని పొందండి. సమస్యలతో యుద్ధం చేస్తూ విజయాన్ని పొందండి. నిరంతరం ప్రయత్నం చేస్తూ అన్నిటికంటే మంచి పని చేసే దిశగా పయనించండి. నైతిక విలువలను కూడా పాటించండి, పొందండి. విద్యార్థులు ఎల్లప్పుడూ పరిశ్రమ చేస్తూ ఉండాలి. విద్యార్థులు సెలవు రోజుల్లో పేద మరియు వసతుల లేమితో బాధపడుతున్న పిల్లలను చదివించడం తమ జీవితంలో ఒక ఉద్దేశ్యంగా పెట్టుకోండి. విద్యార్థులు ఎక్కువగా మొక్కలు నాటాలి. దీంతో వాతావరణంలో సమతుల్యత ఉంచడంలో సహాయం చేసివారవుతారు. ఈ మన పనులు మనల్ని మాత్రమే కాక మన దేశాన్ని కూడా అభివృద్ధి పథంపై నడిపిస్తాయి.
ఇంటర్వ్యూ – 2
బాలురు :
అతి కష్టం మీద. నాకు టెస్సీ థామ తో ఇంటర్వ్యూ లభించినది. నేను చాలా ఉదయాన్నే హైదరాబాద్ లోని ఢిపెన్స్ క్వార్టర్స్ లో నున్న ఆమె ఇంటికి వెళ్ళితిని. కాలింగ్ బెల్ మ్రోగించగానే జరీ చీరలో భారతీయ సంస్కృతి ఉట్టిపడే విధంగా ఉన్న ఆమె చిరునవ్వుతో నన్ను సాదరంగా ఆహ్వానించింది. నేను మొదటి చూపులోనే ఆమె సాదా జీవితం పట్ల ప్రశంసకుడిని అయ్యాను.
ఇంట్లో చూసినట్లయితే పురస్కారాలు, సన్మానాలతో కూడిన వస్తువులతో ఇల్లు నిండిపోయి ఉన్నది. కానీ వాటిలో విశేషంగా నన్ను ఆకర్షించినది. ఆమె ఇంజనీరింగ్ చదివేటప్పుడు కాలేజీ తరపున బహుమానం పొందిన ఏనుగు వాని బొమ్మ. ఆమె విద్యాభ్యాసం కేరళలోని “అలప్పుఝా” అనే గ్రామంలో జరిగింది. అక్కడే ఆమె జన్మించినది. రక్షణ పరిశోధన, విజ్ఞాన శాస్త్ర పఠనం అనేవి పురుషులకు మాత్రమే చెందిన రంగాలుగా భావింపబడేవి. కానీ టెస్సీ థామస్ దీనికి అపవాదు. ఆమె తన కృషి, పట్టుదల, శ్రద్ధ, దృఢ నిశ్చయంతో పురుషులకు మాత్రమే చెందిన ఈ రంగంలో విజయ శిఖరాలను అధిరోహించినది. థామస్ రక్షణ పరిశోధన మరియు అభివృద్ధి సంస్థ (డి. ఆర్.డి.ఓ) లో భాగంగా అగ్ని – 5 కార్యక్రమ పర్యవేక్షకురాలు అయినది. ఆమె దేశంలోని మొట్టమొదటి మిసైల్ ప్రాజెక్టును చేపట్టిన మొట్టమొదటి భారతదేశ మహిళగా గౌరవాన్ని పొందినది. పదండి ఆమెనే అడిగి ఆమె గురించి తెలుసుకుందాం.
ఇంటర్వ్యూ చేసిన వ్యక్తి :
మీరు తమ ప్రారంభిక జీవితాన్ని గురించి ఏమి తెలియజెప్పెదురు?
టెస్సీథామస్ :
నాకు బాల్యం నుండియే ఏదో చేయాలనే కోరిక ఉండేది. నేను అంతరిక్షం గురించి కలలు కంటూ ఉండేదాన్ని. అందువలననే నేను విజ్ఞాన శాస్త్రం మరియు గణిత శాస్త్రాలను మానసికంగాను శారీరకంగా ఒంట పట్టించుకున్నాను. ఇందులో నా పాఠశాల (అలప్పఝా) మరియు ఉపాధ్యాయుల పాత్ర కూడా చాలా ఉన్నది. ఉపాధ్యాయుల సహయోగం మరియు నిజమైన అకుంఠిత దీక్ష నేను విజయ తీరాలకు చేరుటకు దోహదపడినవి.
ఇంటర్వ్యూ చేసిన వ్యక్తి :
ఎప్పుడైనా ఎవరైనా మిమ్మల్ని “భారతదేశ ప్రప్రథమ మిస్సైల్ ఉమన్” మరియు “అగ్నిపుత్రి” అని పిలిచినట్లయితే మీకు ఎలా ఉంటుంది?
టెస్సీ థామస్ :
నాకు చాలా సంతోషంగా ఉంటుంది.నా సంతోషాన్ని వర్ణించడానికి నా వద్ద మాటలే కరవవుతాయి. 1985లో డి.ఆర్.డి.ఓ. ద్వారా దేశ వ్యాప్తంగా పదిమంది యువ శాస్త్రవేత్తల్ని ఎంపిక చేయడం జరిగింది. వారిలో నేను ఒకర్ని. ఆ రోజు నా సంతోషానికి హద్దులు ఏమీ లేవు. నా కలలకు రెక్కలు వచ్చినట్లు అనిపించింది. నేను అగ్నిమిస్సైల్ యాత్ర వలన ఎంత అనందం పొందానో ఎల్లప్పుడూ గుర్తుంటుంది.
ఇంటర్వ్యూ చేసిన వ్యక్తి :
మీరు ఎవర్ని ఆదర్శంగా భావిస్తారు ?
టెస్సీ థామస్ :
ఈ రోజున ఇక్కడ ఎప్పుడైనా అంతరిక్ష విజ్ఞానం మరియు మిస్సెల్ గురించి మాటలు వస్తే అందరి మనస్సులో ఒకే ఒక వ్యక్తి పేరు ప్రతిధ్వనిస్తుంది. ‘ఏ.పి.జె. అబ్దుల్ కలాం”. నిజమైన అర్థంలో ఆయన దేశానికే కాదు ప్రపంచం మొత్తంలో ఆదర్శనీయుడు. ఆయన ప్రపంచ పటంలో భారతదేశానికి స్థానాన్ని సంపాదించినందుకు భారతీయులందరూ ఆయనకు ఋణపడి యున్నారు. నేను గర్వంగా చెబుతున్నాను. ఆయన మా గురువు గారు డి.ఆర్.డి.ఓ. లో టెస్సీ థామస్ కలాంగారి నేతృత్వం (నాయకత్వం)లో పని చేసినది. ఆయనే నాకు ప్రేరణ. ఆయన ప్రేరణతోనే నేను “అగ్ని రెక్కల”ను పొందితిని. ఆయన గొప్పవారు. గొప్పవారు మరియు గొప్పవారి గానే ఉంటారు. ఆయన నాయకత్వ గుణం ఉదాహరించలేనిది. ఆయనను నేను ఆదర్శంగా తీసుకోవడంలో నేను చాలా గర్వపడుచున్నాను.
ఇంటర్వ్యూ చేసిన వ్యక్తి :
పిల్లలకు మీరు ఇచ్చే సలహా ఏమిటి?
టెస్సీ థామస్ :
పిల్లలతో నేను ఏమి చెప్పదలచుకున్నానంటే మీరు ఏదైనా చదవండి, ధ్యాసతో చదవండి. బాగా పరిశ్రమించండి. లక్ష్యం సిద్ధించే వరకు ఆగవద్దు. మీకు ఏది ఇష్టమో దానిలోనే శ్రద్ధ చూపండి. నడుం బిగించి సిద్ధంకండి. విజయం తప్పని సరిగా మీ పాదాలను ముద్దాడుతుంది.
अभिव्यक्ति-सृजनात्मकता
2 Marks Questions and Answers
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दो या तीन वाक्यों में लिखिए।
प्रश्न 1.
कलाम जी के बचपन के बारे में आप क्या जानते हैं?
उत्तर:
कलाम जी बचपन में बहुत गरीब परिवार से थे। वे तमिलनाडु के रामेश्वरम की गलियों में समाचार पत्र बेचते थे। वे निर्धन थे। बचपन में उन्हें शिक्षा के लिए भी बहुत संघर्ष करना पड़ा।
प्रश्न 2.
बढ़ती जनसंख्या को रोकने के लिए कलाम जी ने क्या उपाय बताए?
उत्तर:
बढ़ती जनसंख्या को रोकने के लिए कलाम जी ने लोगों को साक्षर बनाने को कहा है। उनका कहना है कि हमें महिलाओं की साक्षरता पर विशेष बल देना चाहिए। हम देखते हैं कि जिन क्षेत्रों में महिला साक्षरता अधिक है वहाँ जनसंख्या वृद्धि दर कम है। वे कहते हैं कि प्रत्येक छात्र को कम से कम पाँच महिलाओं को शिक्षित करना चाहिए। साथ ही आप उन्हें समाज की उन प्रमुख समस्याओं के बारे में भी बतायें, जिनसे आजकल की महिलाओं को संकट का सामना करना पड़ रहा है।
प्रश्न 3.
कलाम जी सदगुण संपन्न हैं। आप उनमें से किस गण का पालन करना चाहते हैं?
उत्तर:
कलाम जी में अनेक गुण हैं, जैसे- सादगी, ईमानदारी, अध्यवसायी, मेहनती इत्यादि। मैं उनकी तरह ईमानदार बनना चाहूँगा। ईमानदारी इंसान को बहुत आगे ले जाती है। ईमानदार इंसान समाज के विकास में सहायक होता है। ईमानदारी का पालन करने से इसका प्रसार होता है। इससे समाज स्वस्थ बनता है। इसके माध्यम से हम और समाज दोनों सुखी रह सकते हैं।
प्रश्न 4.
बाल मज़दूरी दूर करने के लिए अपनी ओर से कुछ सुझाव दीजिए।
उत्तर:
बाल मजदूरी कराना एक अपराध है। इसे रोकने के लिए कानून को और कड़ा बनाना पड़ेगा। किंतु बालक अपनी घर की परेशानी के कारण मज़दूरी करने जाते हैं। यदि हम भारत से गरीबी को मिटा दें तो बाल मजदूरी अपने आप समाप्त हो जाएगी। बच्चों के लिए शिक्षा, स्वास्थ्य और रहने-खाने की व्यवस्था मुफ्त होनी चाहिए। जो बच्चे ऐसे आवासीय पाठशालाओं में पढ़ते हैं उनके माता-पिता को भी प्रोत्साहन स्वरूप धन या आवश्यक सामग्री मिलनी चाहिए। बाल मज़दूरी रोकने के लिए पोस्टर आदि लगाकर लोगों को जागरूक करना चाहिए।
प्रश्न 5.
‘टेसी थॉमस को मिजाइल वुमेन या अग्निपुत्री क्यों कहते हैं?
उत्तर:
टेसी थॉमस एक महिला वैज्ञानिक हैं। रक्षा अनुसंधान और विज्ञान को पुरुषों का क्षेत्र माना जाता था। मगर टेसी जी ने अपने मेहनत लगन और दृढ़ निश्चय से इस क्षेत्र में मेहनत की। निरंतर श्रम से वो रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डी.आर.डी.ओ) के अग्नि-5 कार्यक्रम की निदेशक बनीं। उन्होंने देश के किसी मिज़ाइल प्रॉजेक्ट की पहली महिला प्रमुख बनने का गौरव प्राप्त किया। इसलिए उन्हें मिजाइल वुमेन कहते हैं।
प्रश्न 6.
एक छात्र के रूप में विकसित भारत के स्वप्न को साकार करने के लिए हमें क्या – क्या करना चाहिए?
उत्तर:
एक छात्र के रूप में विकसित भारत के स्वप्न को साकार करने के लिए हमें खूब परिश्रम करना चाहिए। इसके पहले हमें अपने जीवन में एक लक्ष्य को बना लेना चाहिए। फिर उसे सफल बनाने के लिए आवश्यक ज्ञान और अनुभव प्राप्त करना चाहिए। बाधाओं पर विजय प्राप्त करना चाहिए। नैतिक मूल्यों को अपनाना चाहिए।
अभिव्यक्ति-सृजनात्मकता
4 Marks Questions and Answers
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर छह पंक्तियों में लिखिए।
प्रश्न 1.
महिला साक्षरता की क्या आवश्यकता है?
उत्तर:
महिलाएँ परिवार के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। परिवारों को जोड़कर ही समाज बनता है।
यदि महिलाएँ साक्षर होंगी तो घर की समस्याओं का अंत हो जाएगा। यदि ऐसा हुआ तो समाज का विकास होगा। जनसंख्या दर को धीमा करने के लिए महिलाओं का साक्षर होना आवश्यक है। यदि महिला शिक्षित होगी तो वह अपने पूरे परिवार को शिक्षित बना सकती है। वैसे भी माँ को ही पहली अध्यापिका होने का गौरव प्राप्त है। इससे महिलाएँ रोजगार कर सकती है। वे नौकरी भी कर सकती हैं। इससे महिलाओं के विकास को भी बल मिलेगा।
प्रश्न 2.
भारत में प्रमुख समस्याएँ क्या-क्या हैं?
उत्तर:
भारत में अनेक प्रकार की समस्याएँ हैं। जनसंख्या समस्या उसमें प्रमुख है। इस समस्या के साथ अनेक समस्याएँ भी जुड़ी हुई हैं। रोजगार की समस्या का मूल कारण बढ़ती जनसंख्या ही है। अशिक्षा भी भारत की प्रमुख समस्या है। मज़दूरों की हालत भी दिन-प्रतिदिन खराब होती जा रही है। पर्यावरण में प्रदूषण तेजी से फैलता जा रहा है। पीने के पानी की समस्या भी बढ़ गई है। भ्रष्टाचार भी भारत की प्रमुख समस्याओं में से एक है। इसके कारण हमारा विकास सबसे अधिक प्रभावित हुआ है।
प्रश्न 3.
भ्रष्टाचार के उन्मूलन के लिए कलामजी ने क्या-क्या सुझाव दिये हैं?
उत्तर:
भ्रष्टाचार के उन्मूलन के लिए कलाम जी ने सुझाव दिया है कि सार्वजनिक जीवन में भ्रष्टाचार उन्मूलन के लिए व्यापक आंदोलन की आवश्यकता है। यह आंदोलन अपने घर और विद्यालय से ही आरंभ करना होगा। भ्रष्टाचार उन्मूलन में तीन लोग अधिक सहायक हो सकते हैं- माता, पिता और प्राथमिक विद्यालय के शिक्षक| यदि ये तीनों बच्चों को ईमानदारी और सच्चाई का पाठ पढ़ाते हैं तो इसके बाद जीवन में शायद ही कोई उनको हिला पाएगा। हमें संकल्प लेना चाहिए कि हम सदैव ईमानदार एवं भ्रष्टाचारमुक्त जीवन का निर्वाह करेंगे और दूसरों के लिए आदर्शवान बने रहेंगे।
प्रश्न 4.
अब्दुल कलाम जी के अनुसार एक छात्र में किन-किन गुणों का होना ज़रूरी हैं?
उत्तर:
यह प्रश्न ‘धरती के सवाल-अंतरिक्ष के जवाब ‘ नामक पाठ से दिया गया है।
- एक छात्र होने के नाते हर एक छात्र कम से कम पाँच महिलाओं को शिक्षित करें।
- ईमानदारी और सच्चाई का गुण अपनायें। * भ्रष्टाचार उन्मूलन में स्वयं भाग लें।
- अपने प्रति ईमानदारी और दूसरों के प्रति आदर भाव रखें।
प्रश्न 5.
टेसी थॉमस का जीवन हमें किस तरह प्रेरित करता है?
उत्तर:
भारत की “प्रथम मिज़ाइल वुमन” और अग्निपुत्री नाम से विख्यात हैं टेसी थॉमस। उनका आदर्शमय जीवन सबके लिए प्रेरणादायक रहा है। कठोर परिश्रम, लगन, लक्ष्य प्राप्ति तक चैन न लेने का महान आशय आदि उनको इतनी ख्यातिवान बना चुके हैं। उनका सफल जीवन ही पढाई में श्रद्धा, मेहनत, मनपसंद विषय में जी – जान लगा देने की सूचना, सफलता प्राप्त करने तक कमर – कसकर तैयारी करने की हमें प्रेरणा देता है।
प्रश्न 6.
भारत को भ्रष्टाचार से मुक्त कराने में छात्रों का क्या योगदान हो सकता है?
उत्तर:
भूतपूर्व राष्ट्रपति मान्य ए.पी.जे. अब्दुल कलाम जी की दृष्टि में भ्रष्टाचार उन्मूलन में तीन तरह के लोग सहायक सिद्ध हो सकते हैं। वे हैं – 1) माता 2) पिता और 3) प्राथमिक विद्यालय के शिक्षक| घर में और बाहर बच्चों को ईमानदारी और सच्चाई का पाठ मिलना चाहिए।
भारत को भ्रष्टाचार से मुक्त कराने में छात्रों का महान योगदान हो सकता है। पहले – पहल वे संकल्प कर लें कि “हम सदैव ईमानदारी एवं भ्रष्टाचार मुक्त जीवन का निर्वाह करेंगे और दूसरों के लिए
आदर्शवान बने रहेंगे।”
प्रश्न 7.
अब्दुल कलाम जी और टेसी थॉमस के साक्षात्कारों से आपने क्या सीखा?
उत्तर:
अब्दुल कलाम और टेसी थॉमस के साक्षात्कारों से हमें निम्नलिखित सीख मिलती है एक छात्र के लिए सबसे महत्वपूर्ण अपने प्रति ईमानदारी और दूसरों के प्रति आदर का गुण है। हमें पढाई में हमेशा खूब परिश्रमी बनने का प्रयास करना चाहिए। जीवन में एक लक्ष्य बनाना चाहिए। हमें पढ़ाई के लिए आवश्यक ज्ञान और अनुभव प्राप्त करना चाहिए। हमें निरंतर प्रयत्नशील रहना चाहिए।
नैतिक मूल्यों को ग्रहण करना चाहिए। छुट्टियों में गरीब बच्चों और अशिक्षित महिलाओं को पढ़ाना चाहिए। अधिक से अधिक पेड़ लगाने चाहिए। पर्यावरण को संतुलित बनाने में हाथ बटाना चाहिए। मेहनत, लगन और दृढ़-निश्चय से मंजिल तक पहुँचने का प्रयास करना चाहिए। सच्ची सफलता शिक्षा से ही प्राप्त होती है। ईमानदारी सबसे अच्छा गुण है।
प्रश्न 8.
भ्रष्टाचार उन्मूलन में पाठशाला का क्या महत्व है?
उत्तर:
भ्रष्टाचार उन्मूलन में पाठशाला का बहुत महत्व है। पाठशाला बच्चों को ईमानदारी और सच्चाई का पाठ पढ़ाते हैं। हमें अनुशासन में रहने की सीख पाठशाला से ही मिलती है। यदि हमारे पाठशाला का माहौल अच्छा है तो बच्चे आगे चलकर ईमानदार इंसान बनते हैं। इससे समाज में भलाई फैलती है। बच्चे पाठशाला में सीखी हुई बात घर में भी बताते हैं। इसलिए बड़ों को भी कभी-कभी बच्चों की बातें सुननी चाहिए। उनसे सीख लेनी चाहिए। इस प्रकार भ्रष्टाचार अपने आप समाप्त हो जाएगा।
प्रश्न 9.
टेसी थॉमस की पाठशाला की पढ़ाई के बारे में आप क्या जानते हैं?
उत्तर:
टेसी थॉमस की शिक्षा-दीक्षा केरल प्रांत के अलप्पुझा में हुई। यहीं पर उनका जन्म हुआ था। उन्हें ‘हाथी वाला स्मारक’ भी इंजीनियरिंग की पढ़ाई के समय कॉलेज की ओर से दिया गया था। उन्हें बचपन से ही कुछ अलग करने की चाह थी। वे तरिक्ष के सपने देखती थीं। यही कारण रहा कि उन्होंने गणित और विज्ञान विषय को अपने तन-मन में बसा लिया। इसमें उनकी पाठशाला (अलप्पुझा) और अध्यापकों का बहुत बड़ा योगदान रहा।
अभिव्यक्ति-सृजनात्मकता
8 Marks Questions and Answers
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर 8-10 पंक्तियों में लिखिए।
प्रश्न 1.
अग्निपुत्री टेसी थॉमस के जीवन से बच्चों को किस प्रकार की प्रेरणा मिलती है? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
आधुनिक वैज्ञानिक युग में बड़े – बड़े चमत्कार दिखाकर भारत के नाम रोशन करनेवालों में “प्रथम मिज़ाइल वुमन’ टेसी थॉमस एक हैं। उनका जन्म और शिक्ष – दीक्षा केरल स्थित अलप्पुझा में हुई। उनको बचपन से ही गणित और विज्ञान के विषयों में बड़ी रुचि थी। आपने इंजीनियरिंग की पढाई पूरी की। अपनी मेहनत लगन और दृढ निश्चय से वे रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन के अग्नि कार्यक्रम की निर्देशिका बनीं।
आपको भारत सरकार ने ‘अग्निपुत्री की उपधि से भी सम्मानित किया । आप मिजाइल मैन नाम से विख्यात हुआ भारत रत्न” ए.पी.जे. अब्दुल कलाम को अपने गुरु तथा आदर्श मानती हैं।
बच्चों के लिए टेसी थॉमस का जीवन आदर्शमय तथा प्रेरणा दायक है। अपनी मेहनत, लगन और दृढ निश्चय से उनको ऐच्छिक सफलता प्राप्त हुई। लक्ष्य साधना तन – मन में बसाकर उन्होंने सब परिश्रम किया। इस काम में पाठशाला के अध्यापकों का बहुत बड़ा योगदान रहा। परिवार वालों और अध्यापकों के सहयोग और सच्ची लगन के उनका यश बढ़ा।
कठोर परिश्रम, लगन, लक्ष्यप्राप्ति तक चैन न लेने का महान आशय आदि उनकी ख्याति बढा चुके हैं। उनका सफल जीवन ही एक मात्र आदर्शनीय है। इससे बच्चों को मन पसंद विषय में जी – जान लगा देने की सूचना, पढाई में अधिक श्रद्धा, मेहनत, कितने भी कष्ट आये, सफलता प्राप्त करने तक कमर – कसकर तैयारी करने की प्रेरणा मिलती हैं।
प्रश्न 2.
भारत को भ्रष्टाचार से मुक्त कराने के लिए अब्दुल कलाम जी के सुझावों को अपने शब्दों में लिखिए।
उत्तर:
शीर्षक का नाम : “धरती के सवाल अंतरिक्ष के जवाब” है।
भ्रष्टाचार के उन्मूलन के लिए कलाम जी ने सुझाव दिया है कि सार्वजनिक जीवन में भ्रष्टाचार उन्मूलन के लिए व्यापक आंदोलन की आवश्यकता है। यह आंदोलन अपने घर और विद्यालय से ही आरंभ करना होगा। भ्रष्टाचार उन्मूलन में तीन लोग अधिक सहायक हो सकते हैं- माता, पिता और प्राथमिक विद्यालय के शिक्षक। यदि ये तीनों बच्चों को ईमानदारी और सच्चाई का पाठ पढ़ाते हैं तो इसके बाद जीवन में शायद ही कोई उनको हिला पाएगा। हमें संकल्प लेना चाहिए कि हम सदैव ईमानदार एवं भ्रष्टाचारमुक्त जीवन का निर्वाह करेंगे और दूसरों के लिए आदर्शवान बने रहेंगे।
प्रश्न 3.
टेसी थॉमस के जीवन से हमें कैसी प्रेरणा मिलती है?
उत्तर:
टेसी थॉमस के जीवन से हमें ये प्रेरणाएँ मिलती हैं।
- भारतीय संस्कृति की छाप को अपनाना।
- सादगी जीवन बिताना।
- मेहनत, लगन और दृढ़ – निश्चय से सफलता के नये शिखर तय करना।
- अध्यापकों के सहयोग और सच्ची लगन से सफ़लता की बुलंदियों को प्राप्त करना।
- गुरु भक्ति से रहना। गुरु को आदर करना।
- जो भी पढ़ें ध्यान से पढ़ें। मेहनत करें और लक्ष्य प्राप्त करने तक रुके नहीं।
- जो हमें पसंद हैं उस में अपना जी – जान लगा देना। * कमर कसकर तैयार करना।
प्रश्न 4.
“बाल मज़दूरी और भ्रष्टाचार हमारे देश की बहुत बड़ी समस्याएँ है। इनके निर्मूलन के लिए कलाम जी ने जो सुझाव दिये हैं उन्हें अपने शब्दों में लिखिए।
उत्तर:
‘बाल मज़दूरी और भ्रष्टाचार’ हमारे देश की बहुत बड़ी समस्याएँ है। इनके निर्मूलन के लिए कलाम जी ने जो सुझाव दिये है। भारत के पूर्व राष्ट्रपति कर्मठ, निष्कामी और प्रसिद्ध विज्ञानवेत्ता डॉ.ए.पी. जे अब्दुल कलाम जी बाल मज़दूरी को समूल समाप्त करने की महत्वाकांक्षा रखते थे। उनके विचार में बाल मज़दूरी करवाना एक महान अपराध है। संविधान के अनुसार 6 से 14 वर्ष के बच्चों के लिए शिक्षा पाने का पूरा अधिकार है।
इसलिए बच्चे अपनी पढ़ाई जारी रखने में खुद रुचि दिखायें अभिभावकों को नशाखोरी से मुक्ति दिलाने के अभियान चलायें। प्रौढ शिक्षा के माध्यम से शिक्षित करने की व्यवस्था करें। ऐसा करने से बच्चों के माता – पिता ही नहीं बच्चों से काम लेनेवालों में भी परिवर्तन आकर आत्मनियंत्रण की प्रवृति का विकास होगा। कलाम जी के ये प्रभावशाली सुझाव सचमुच असरदार और स्फूर्तिदायक हैं। इनके अमल करने से भारत देश में बाल मज़दूरी की समस्या समूल दूर हो जायेगी। भारत देश सुसंपन्न हो संसार में अपना महत्व बनाये रख सकेगा।
भ्रष्टाचार के उन्मूलन के लिए कलाम जी ने सुझाव दिया है कि सार्वजनिक जीवन में भ्रष्टाचार उन्मूलन के लिए व्यापक आंदोलन की आवश्यकता है। यह आंदोलन अपने घर और विद्यालय से ही आरंभ करना होगा। भ्रष्टाचार उन्मूलन में तीन लोग अधिक सहायक हो सकते हैं- माता, पिता और प्राथमिक विद्यालय के शिक्षक। यदि ये तीनों बच्चों को ईमानदारी और सच्चाई का पाठ पढ़ाते हैं तो इसके बाद जीवन में शायद ही कोई उनको हिला पाएगा। हमें संकल्प लेना चाहिए कि हम सदैव ईमानदार एवं भ्रष्टाचारमुक्त जीवन का निर्वाह करेंगे और दूसरों के लिए आदर्शवान बने रहेंगे।
प्रश्न 5.
टेसी थॉमस अग्नि-5 कार्यक्रम की निदेशक कैसे बनी? उनकी इस सफलता के कारणों पर अपने विचार लिखिए।
उत्तर:
टेसी थॉमस की शिक्षा-दीक्षा केरल प्रांत के अलप्पुझा में हुई। यहीं पर उनका जन्म हुआ था। उन्हें ‘हाथी वाला स्मारक’ भी इंजीनियरिंग की पढ़ाई के समय कॉलेज की ओर से दिया गया था। उन्हें बचपन से ही कुछ अलग करने की चाह थी। वे अंतरिक्ष के सपने देखती थी। यही कारण रहा कि उन्होंने गणित और विज्ञान विषय को अपने तन-मन में बसा लिया। इसमें उनकी पाठशाला (अलप्पुझा) और अध्यापकों का बहुत बड़ा योगदान रहा।
टेसी थॉमस एक महिला वैज्ञानिक हैं। रक्षा अनुसंधान और विज्ञान को पुरुषों का क्षेत्र माना जाता था। मगर टेसी जी ने अपने मेहनत लगन और दृढ़ निश्चय से इस क्षेत्र में मेहनत की। निरंतर श्रम से वो रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डी.आर.डी.ओ) के अग्नि-5 कार्यक्रम की निदेशक बनी। उन्होंने देश के किसी मिज़ाइल प्रॉजेक्ट की पहली महिला प्रमुख बनने का गौरव प्राप्त किया। इसलिए उन्हें मिजाइल वुमेन कहते हैं।
टेसी थॉमस अब्दुल कलाम के बारे में कहती हैं कि “आज हमारे यहाँ जब भी अंतरिक्ष विज्ञान और मिज़ाइल की बात की जाती है, तो सभी के मस्तिष्क में ए.पी.जी. अब्दुल कलाम का नाम गूंजता है। उन्होंने दुनिया के मान चित्र में भारत को जो स्थान दिलाया है, उसके लिए भारतवासी उनके ऋणी हैं। अतः सच्चे अर्थो में वे देश के ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया के आदश है।
में गर्व के साथ कहना चाहती हूं कि वे मेरे गुरु हैं। उन्होंने मुझे प्रेरणा के अग्नि पंख दिये है। वे महान , महान है और महान रहेंगे। उन्हे मै अपना आदर्श मानने में गर्व अनुभव करती हूँ। जहाँ कड़ी मेहनत, लगा। और दृढ़ निश्वय होते हैं, वहाँ सफलता अवश्य मिलती है। टेसी थॉमस के जीवन से हमें यहीं संदेश मिलता है। लक्ष्य प्राप्ति तक नहीं रुकना चाहिए। निरंतर प्रयत्न करते रहना चाहिए। जो भी पढ़ें ध्यान से पढ़ना चाहिए।
प्रश्न 6.
समाज को शिक्षित करने में छात्रों की भूमिका पर ए.पी.जे. अब्दुल कलाम के विचारों पर प्रकाश डालिए।
उत्तर:
भारत के पूर्व राष्ट्रपति थे अब्दुल कलाम जी। वे कर्मठ, निष्कामी और सुप्रसिद्ध वैज्ञानिक थे। आप सादगी, ईमानदारी, अध्यवसायी मेहनत की प्रतिमूर्ति थे। महानगुणों की खान कलाम जी पूरी दुनिया के आदर्श थे। दुनिया के मानचित्र में आपने पवित्र भारत को उच्चतम स्थान दिलाया । सब भारतवासी कलाम जी को अपना आदर्श मानते हैं।
समाज को शिक्षित करने में कलाम जी ने कुछ प्रभावशाली विचार व्यक्त किये हैं। वे हैं – आज का छात्र कल का नागरिक है। अपने प्रति ईमानदारी और दूसरों के प्रति आदर का गुण रखना आदर्श छात्र का लक्षण है। छात्रों को पढाई में निरंतर परिश्रमी रहना चाहिए। जीवन में आगे बढ़ने के लिए एक लक्ष्य को बना लेना चाहिए। लक्ष्यप्राप्ति के लिए आवश्यक ज्ञान और अनुभव वे प्राप्त करें। बाधाओं का सामना करते हुए, उन पर विजय प्राप्त करें।
नैतिक मूल्यों को अपनाना चाहिए। फुरसत के समय गरीब और सुविधाओं से वंचित बच्चों को पढ़ाने का काम करना चाहिए। पौधे लगाकर पर्यावरण को संतुलित करना चाहिए। साथ ही सार्वजनिक जीवन में भ्रष्टाचार उन्मूलन में भी छात्रों का सहयोग होना चाहिए। ऐसे महान गुणों से समाज को शिक्षित करने में छात्र महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकेंगे।